सेना ने भारतीय स्टार्ट-अप को लड़ाकू स्वार्म ड्रोन्स के उत्पादन का ऑर्डर दिया है। स्वार्म ड्रोन्स का मतलब होता है झंडु में एकसाथ लयबद्ध तरीके से उड़ने वाले ड्रोन्स। स्वार्म ड्रोन्स में सैकड़ों छोटे-छोटे ड्रोन्स से टारगेट पर हमला किया जा सकता है, इन्हें हथियार या कैमरों से लैस भी किया जा सकता है। इससे निगरानी की जा सकती है या फिर इसके जरिए हथियार को दुश्मन के ठिकाने पर गिराया जा सकता है।
एक साथ झुंड में दुश्मन के इलाके पर हमला करते हैं 100 ड्रोन
स्वार्म ड्रोन्स के जरिए 100 ड्रोन का झुंड दुश्मन के इलाके में कम से कम 50 किलोमीटर दूर लक्ष्य को मारने में सक्षम है। सूत्रों ने बताया कि ये ड्रोन एक विशेष वजन के बम ले जाने में सक्षम हैं। स्वार्म ड्रोन की खासियत यह है कि ये दुनिया के किसी भी रडार या एंटी-एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा दे सकते हैं। स्वार्म ड्रोन्स पक्षियों की तरह झुंड में चलते हैं इसलिए ये दुश्मम को धोखा दे सकते हैं। सिर्फ देखने या सुनने से ही दुश्मन को इनके आने की खबर मिल सकती है। इन्हें रिमोट या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ उड़ाया जा सकता है। इसके अलावा, कंप्यूटर से सैकड़ों ड्रोन्स को नियंत्रित किया जा सकता है।
किसी भी तरह के हथियार को ले जाने में सक्षम
स्वार्म ड्रोन्स में किसी भी तरह के हथियार या कैमरा लगाए जा सकते हैं। गाइडेड, अनगाइडेड, क्लस्टर, लेजर गाइडेड, छोटी मिसाइलों के अलावा, छोटे परमाणु हथियारों को भी स्वार्म ड्रोन्स पर लगाया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्वार्म ड्रोन्स की खासियत और ज्यादा बढ़ जाती है। स्वार्म ड्रोन्स के जरिए जब सैकड़ों ड्रोन्स एक साथ हथियारों के साथ दुश्मन के इलाके में गिरते हैं, तो तबाही मच जाती है। यह ना सिर्फ साथ में उड़े रहे ड्रोन से कम्युनिकेट करता है, बल्कि खुद टारगेट को पहचानता है और नष्ट करता है।